Today Breaking News

गाजीपुर: शहीद हरेन्द्र कि शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाएगी – काशीनाथ

गाजीपुर/मरदह। स्थानीय विकासखंड के ग्राम सभा गांई स्थित शहीद हरेन्द्र यादव के पैतृक गांव देऊपुर पाही पर पहुंच कर सोमवार को पूर्व एमएलसी काशीनाथ यादव ने शहीद हरेन्द्र यादव के स्मृति में प्रथम शहादत दिवस के अवसर चित्र पर माल्यार्पण कर श्रध्दांजलि अर्पित की और परिजनों ढांढस बधाया। श्री यादव ने कहा कि इस दुखद घटना से पूरा देश मर्माहत रहा कहीं ना कहीं शहीद हरेन्द्र कि शहादत सार्थक साबित हो कर रहेगी। 

शहीद कि शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाती वह पूरे देश कि अमानत होते हैं वह भारत मां के सच्चे बेटे के रूप में मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का काम करते हैं। जो हमेशा नया इतिहास लिखने का काम करते हैं। जब पूरा देश चैन की नींद सोता है तो देश के जवान देश के सीमा की सुरक्षा अपने प्राणों की आहुति देके करते हैं। शहीद के पिता केदार यादव को ढांढ़स बंधाने के साथ कहां इस दुख: कि घङी में पूरा समाजवादी परिवार आपके साथ हैं। इस मौक राज्यसभा सांसद नीरज शेखर,पूर्व एमएलसी काशीनाथ यादव, जंगीपुर विधायक डा विरेन्द्र यादव, जिला पंचायत अध्‍यक्ष आशा देवी, पूर्व प्रमुख विजय सिंह यादव, ब्लाक प्रमुख निधि कुशवाहा, नितेश कुशवाहा, विरहा गायक विजय लाल यादव, डा.  सानंद सिंह, रामबृछ यादव, महेन्द्र चौहान, अवधेश यादव, जयराम यादव, रामकरन यादव, संजीत वर्मा, भगवान यादव, शिवनारायण यादव, राजीव यादव राजू, अमित सिंह, चन्द्रशेख यादव, विनोद यादव, योगेंश यादव, ग्राम प्रधान पुंजेश सिंह आदि लोग रहें। 

जम्मू कश्मीर के उरी आर्मी बेस कैंप पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए 17 जवानों में एक जवान जनपद के मरदह विकासखंड व थाना क्षेत्र के गांई  (देऊपुर, पाही)गांव का निवासी केदार यादव का पुत्र 28 वर्षीय हरेंद्र यादव भी शामिल थे।इस जवान के शहीद होने की खबर पर पूरा जनपद मर्माहत था हर निगाहों में शहीद के प्रति सच्ची संवेदना दिख रही थी। 

सबके जुबान पर शहीद हरेन्द्र के बहादुरी के किस्से सुनाई देती थी। उसी हरेन्द्र यादव के स्मृति में  आज दिनांक 18 सितंबर दिन सोमवार को पैतृक गांव गांई ( देऊपुर पाही) कि सरजमीं पर शहादत दिवस का आयोजन किया गया है। जिसमें जनपद सहित पूर्वांचल के दिग्गजों की उपस्थिति मानी जा रही है। शहीद हरेन्द्र के शोकाकुल परिवार में पिता केदार यादव ,माँ प्रभावती देवी ,पत्नी निर्मला देवी,   हरेंद्र के दो बच्चे  रोहित पांच साल और दूसरा राज तीन साल, और चार भाई हैं। शहीद हरेन्द्र के पिता अपने होनहार बहादुर बेटे को खोने का गम पिता की आँखों में साफ  देखा जा सकता है। पूरा गांव वीर शहीद के शहादत दिवस पर मर्माहत रहा।

'