महज पियक्कड़ई में हुई थी प्रॉपर्टी डीलर यशवंत सिंह की हत्या
गाजीपुर। प्रॉपर्टी डीलर यशवंत सिंह(48) की हत्या शराब की पियक्कड़ई में हुई थी। यह तथ्य तब सामने आया जब हत्यारा सत्येंद्र यादव उर्फ बबुआ पुलिस की गिरफ्त में आया। क्राइम ब्रांच तथा जंगीपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में शहर कोतवाली के बिलैचिया मोड़ के पास गुरुवार की रात करीब दस बजे वह हत्थे चढ़ा।
बबुआ शहर कोतवाली के सोहिलापुर गांव का रहने वाला है। पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा शुक्रवार की दोपहर उसे अपने ऑफिस में मीडिया के सामने पेश किए। बताए कि घटना की रात २२ अगस्त को करीब पौने दस बजे यशवंत ने फोन कर बसपा कार्यालय, मोहनपुरवा के पास स्थित अपने प्लाट पर बबुआ को बुलाया। बबुआ मौके पर पहुंचा। जहां यशवंत अन्य तीन लोगों के साथ शराब के जाम टकरा रहे थे। कुछ देर बाद यशवंत के तीनों साथी चले गए। तब बबुआ को लेकर यशवंत दोबारा शराब की दुकान पर पहुंचे। वहां शराब की एक बोतल खरीदे।
उसके बाद लंका बस स्टैंड के सामने दुकान से बोतलबंद पानी तथा प्लास्टिक की दो ग्लास लिए। फिर वह बबुआ को लेकर भुतहियाटांड़ रेलवे क्रासिंग पार कर सोहिलापुर गांव के पास पहुंचे। वहां निर्जन स्थान देख कर रुके और वहीं बैठ कर बबुआ के साथ यशवंत फिर शराब पीना शुरू किए। उसी दौरान नशे में यशवंत ने बबुआ को नाहक गालियां देने लगे। वह आपत्ति किया तब यशवंत उसे थप्पड़ मार दिए। बबुआ पर भी शराब का नशा चढ़ चुका था। यशवंत का वह व्यवहार उसे अच्छा नहीं लगा और पास पड़े एक मोटी लकड़ी का डंडा उठा कर उन पर ताबड़तोड़ प्रहार करने लगा।
कुछ ही पल में यशवंत दम तोड़ दिए। उसके बाद उनकी बाइक लाश पर गिरा कर बबुआ वाराणसी भाग गया। दूसरे दिन सुबह यशवंत की लाश मिलने पर उनके बड़े भाई प्रेम सिंह ने शहर कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। पुलिस कप्तान ने बताया कि यशवंत के संपर्क में बबुआ करीब छह माह पहले आया था। यशवंत सरकारी विभागों में रुपये लेकर नियुक्ति कराने का दावा भी करते थे।
बबुआ ने शादियाबाद के रहने वाले अपने भांजा परीक्षित यादव को हाईकोर्ट में चपरासी पद पर नौकरी दिलाने के लिए यशवंत की मदद चाहता था। उसी सिलसिले में यशवंत ने चर्चा के लिए बबुआ को फोन कर बुलाया था। पुलिस कप्तान ने बताया कि एफआइआर अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई गई थी। असल हत्यारे तक पहुंचने के लिए उन्होंने टीम गठित की। आखिर टीम को सफलता मिली। उन्होंने अपनी ओर से टीम को नकद पांच हजार रुपये ईनाम की घोषणा की। मालूम हो कि यशवंत मूलतः मरदह थाने के सुधाकरपुर गांव के रहने वाले थे और कालीधाम कॉलोनी(फुल्लनपुर) में मकान बना कर परिवार संग रहते थे।
पुलिस टीम में यह थे शामिल
क्राइम ब्रांच के इंचार्ज टीबी सिंह, प्रभारी शहर कोतवाली जितेंद्र दूबे, एसओ जंगीपुर सुरेंद्र यादव, रजदेपुर पुलिस चौकी इंचार्ज विनय सिंह, एसआई दिव्यप्रकाश सिंह सहित कांस्टेबल प्रमोद मौर्य, रामरनेश यादव, राजमणि, संजय प्रसाद तथा राजेंद्र यादव।