गाजीपुर: हेडमास्टरों ने विद्युतीकरण योजना में डकारे लाखों
गाजीपुर जिले के परिषदीय विद्यालयों को रोशन करने के लिए बीते जनवरी माह में विद्युतीकरण के नाम पर भेजे गए लाखों रुपये की धनराशि में हेडमास्टरों ने खेल कर दिया। करीब दो सौ ऐसे विद्यालय मिले हैं जहां पर हेडमास्टरों ने ही धनराशि डकार ली है। कहीं भी वायरिंग का कार्य नहीं हुआ।
अब शिकायत मिलने पर शासन ने जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान जिले के 2752 परिषदीय विद्यालयों में अधिकांश विद्यालय मतदान केंद्र बने थे। चुनाव आयोग ने कहा था कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की हर सुविधा का ख्याल रखा जाए।
चुनाव से पहले सभी विद्यालयों को विद्युतीकरण करते हुए वायरिंग करा दी जाए। साथ ही बिजली के पंखें और बल्ब का इंतजाम कर लिया जाए। ताकि शाम पांच बजे के बाद मतदान सामग्री सहेजने में आसानी हो सके। इसके अलावा विद्यालय भी हमेशा रोशन रहेंगे। इसके लिए जिले से 824 विद्यालयों का चयन किया गया। प्रत्येक विद्यालयों की वायरिंग के नाम पर छह हजार रुपये की धनराशि तय की गई थी।
यह धनराशि संबंधित विद्यालयों के खाते में भेजी गई है। अब तक जो रिपोर्ट मिली है उसके मुताबिक दो सौ विद्यालयों के वायरिंग की जानकारी नहीं हो सकी है। इन विद्यालयों के हेडमास्टरों ने धनराशि उतारकर खुद ही डकार ली है। छोटी रकम होने के कारण कोई ध्यान नहीं दे रहा है लेकिन शासन की मंशा के खिलाफ ही काम हो रहा है। जहां पर वायरिंग हुई है वहां ठेकेदार की मनमानी से काफी हद तक गड़बड़ी हुई है। बीएसए श्रवण कुमार ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट मांगी गई है।