परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की जन्मभूमि पर आना मेरा सौभाग्यः राम नाईक
गाजीपुर भारतीय सेना दुनिया की श्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। चार पैटन टैंकों को ध्वस्त करने वाले अब्दुल हमीद जैसे वीर कभी-कभी पैदा होते हैं। 1965 के भारत पाक युद्ध में हमीद ने अदम्य शौर्य का प्रदर्शन किया था। मुझे आज उनकी जन्मभूमि को प्रणाम करने का अवसर मिला है, इसे मैं अपना सौभाग्य समझता हूं।
ये बातें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद के 52 वें शहादत दिवस पर उनके गांव धामूपुर में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में कहीं।
उन्होंने कहा कि गाजीपुर के अब्दुल हमीद को मिला परमवीर चक्र सम्मान जिले के लिए ही नहीं, प्रदेश के लिए भी अभिमान की बात है। मैं अब्दुल हमीद की जन्मभूमि उनके परिजनों और जिले के तमाम शहीदों के परिवारीजनों को प्रणाम करता हूं।
कहा कि 1965 में पाकिस्तान ने हमला किया तो उसे दंभ था कि उस वक्त अजेय माने जाने अमेरिकी पैटन टैंकों की मदद से वह विजय प्राप्त कर लेगा, लेकिन गाजीपुर के माटी के लाल अब्दुल हमीद ने सीमित संसाधनों से एक-दो नहीं, बल्कि चार पैटन टैंकों ध्वस्त कर पाकिस्तान के मंसूबे को धराशायी कर पूरे विश्व में भारत के अदम्य साहस और वीरता का लोहा मनवाया।
आज हम अपने घरों में आराम से इसलिए सो पाते हैं, क्योंकि हमारे सैनिक सीमा पर मजबूती से खड़े रहते हैं।