गाजीपु्र:आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का बर्दाश्त नहीं होगा शोषण
बाल विकास परियोजना कार्यालय पर रविवार को महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की एक आवश्यक बैठक आहूत की गई। जिसमें आये दिन आगंनबाड़ी व सहायिकाओं का विभागीय अधिकारियों, ग्राम प्रधानों के द्वारा किये जा रहे शोषण के खिलाफ आवाज बुलन्द की।
वहीं दूसरी तरफ संगठन ने सरकार के द्वारा वादाखिलाफी के प्रति आक्रोश जाहिर करने के साथ ही, मानदेय, मासिक अवकाश, कर्मचारियों का बीमा, विभाग के अलावा अन्य कार्यों अलावा कोई कार्य न लिया जाय, राज्य कर्मचारी का दर्जा दिये जाने की मांग किया। बैठक में जिला संरक्षक अमरनाथ दूबे ने सभी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं को आश्वासन दिया कि अगर किसी ने शोषण किया तो हम अपने व संगठन के हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को मजबूर होंगे। उन्होंने आह्वान किया कि संगठन की मजबूती ही संगठन की ताकत है।
जिसकी बदौलत हम अपने अधिकारों की रक्षा करते है। कहा कि कर्मचारियों का शोषण किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सरकार अपने वादों से मुकर रही है। जिसका उसे खामियाजा आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा। उन्होंने सरकार से मांग किया कि आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय 18 हजार किया जाय, जबकि सहायिकाओं का 9 हजार हो। उन्होंने आगंनबाड़ी कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी के समान दर्जा देने की मांग की, साथ ही उन्होंने सभी कार्यकत्रियों का बीमा करने की भी मांग किया।
वहीं रेवतीपुर महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की ब्लाक अध्यक्ष उषा वर्मा ने कहा कि संगठन को मजबूती देने के साथ ही इसे और विस्तार देने की आवश्यकता है। कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने दिये गये वादों से मुकर रही है। जो हम किसी स्तर पर स्वीकार नहीं करेंगे। आह्वान करते हुये कहा कि एकता बहुत जरूरी है। कहा कि संगठन को और विस्तार देने की जरूरत है। इस मौके पर जामवन्ती राय, मालती सिंह, मंजू पाण्डेय, गंगा पाण्डेय, प्रभावित देवी, रीता राय,रीना सिंह, रीता वर्मा, उषा सिंह, हेमवती, मंजू देवी, शीला, कमली देवी, रिजवाना, विजयालक्ष्मी पाण्डेय, उर्मिला आदि मौजूद रहे।