नासाज तबीयत के नाम पर छुट्टी लेने वाला एबीएसए कार्यक्रमों में कर रहा शिरकत, जांच अधिकारी संग गलबहियां!
गाजीपुर। लगता है कि बेसिक शिक्षा विभाग के बहुचर्चित एबीएसए राजेश यादव एकदम ढिठाई पर आमादा हैं। गाजीपुर के प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर मुहम्मदाबाद से हटा कर उन्हें नगर एबीएसए बनाया गया है लेकिन वह हैं कि चार्ज लेने को तैयार नहीं हैं। बल्कि उनकी कोशिश फिर से मुहम्मदाबाद लौटने की है। यही वजह है कि इसके लिए उन्होंने चिकित्सकीय छुट्टी तक ले ली है। उनकी बिगड़ी तबीयत की सच्चाई यह है कि वह छुट्टे घूम रहे हैं। यहां तक कि विभागीय कार्यक्रमों में भी देखे जा रहे हैं।
सोमवार को बाराचवर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बेनीपुर में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद थे। उस कार्यक्रम में उनके साथ बाराचवर के एबीएसए अखिलेश ओझा भी थे। मालूम हो कि श्री ओझा उनके खिलाफ लगे कई गंभीर आरोपों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य हैं। श्री ओझा संग उनकी मौजूदगी से उस चर्चा को और बल मिला है कि श्री यादव ने अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए गठित कमेटी में खुद के लोगों को ही रखवाया है। हैरानी यह कि राजेश यादव के खिलाफ सरकारी पार्टी भाजपा के नेता तक शिकायत कर चुके हैं। एमएलसी विशाल सिंह चंचल की शिकायत पर शासन उनके खिलाफ जांच करा रहा है।
प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री उपेंद्र तिवारी भी उनके खिलाफ चिट्ठी लिख चुके हैं। व्हाट्स्अप ग्रुप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में भाजयुमो के प्रदेश मंत्री योगेश सिंह राजेश यादव के खिलाफ शहर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराए हैं। बावजूद राजेश यादव का अब तक कुछ नहीं बिगड़ा है। वह उसी अंदाज में हैं जैसे पूर्ववर्ती सपा सरकार में थे। याद करें कि तब उनकी विभाग में तूती बोलती थी।
मुहम्मदाबाद एबीएसए रहते उन पर कई घपले के आरोप लगे। उनके जलवा का आलम यह था कि कोई शिक्षक उनके खिलाफ जुबान खोलता था तो उसे जेल जाना पड़ता था। प्रदेश में जब सरकार बदली तो शिक्षकों में उम्मीद जगी कि अब राजेश यादव के काले चिट्ठे खुलेंगे लेकिन हाल-फिलहाल कुछ नहीं होने से शिक्षक भी निराश हैं। चर्चा है कि चिकित्सकीय छुट्टी लेकर वह अपने खिलाफ लगे आरोपों के सबूतों को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं। शिक्षकों को डरा-धमका रहे हैं। इस सिलसिले में ग़ाज़ीपुर न्यूज़ ने बीएसए श्रवण कुमार से बात की। उन्होंने कहा कि एबीएसए राजेश यादव को नगर का चार्ज लेने के लिए रिमांडर भेजा जाएगा। रही बात खुद के खिलाफ बैठी जांच कमेटी के सदस्य के साथ मौजूदगी की तो यह उनका निजी मामला है लेकिन यह जरूर है कि तबादले के बाद नगर एबीएसए का चार्ज नहीं लेने और चिकित्सकीय छुट्टी लेकर घुमने के मामले में ही उन्हें रिमांडर भेजने का निर्णय लिया गया है।