मुहम्मदाबाद जीजीआईसी में बवाल से डीएम खिन्न
मुहम्मदाबाद जीजीआईसी में बवाल से डीएम खिन्न, अनुदेशक को झाड़ लगा उल्टे पांव लौटाए, प्रिंसिपल की सुनी पूरी बात
गाजीपुर। मुहम्मदाबाद के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज(जीजीआईसी) में चल रहे बवाल से डीएम के बालाजी अनजान नहीं हैं। उन्हें पता है कि उसके पीछे विद्यालय के दो अनुदेशक हैं और यही अपने बेजा स्वार्थ के लिए विद्यालय की भोली-भाली बच्चियों को उकसा कर बवाल करा रहे हैं।
गुरुवार को डीएम ने पूरे मामले की जांच के लिए एडीएम राजेश कुमार की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। उसमें बतौर सदस्य जीजीआईसी सादात की प्रिंसिपल मंजू प्रकाश तथा जीजीआईसी सौरम के प्रिंसिपल रामअवतार यादव शामिल किए गए हैं। खुद से मिलने आईं मुहम्मदाबाद जीजीआईसी की प्रिंसिपल सीमा खरवार की पूरी सुनने के तत्काल बाद डीएम ने यह कदम उठाया।
श्रीमती खरवार ने डीएम को बताया कि पूर्व प्रिंसिपल आशा कुशवाहा उन्हें विधिवत अपना कार्यभार भी नहीं सौंपी हैं। इस दशा में कई जरूरी कागजात आज भी उनके सामने नहीं आए हैं। उस दशा में उन्हें यह नहीं पता कि दोनों अनुदेशकों का अनुबंध कब तक का रहा है। लिहाजा वह उनसे काम लेना बंद कर दी। बावजूद दोनों अनुदेशक रितेश अग्रवाल तथा प्रमिला चौबे उनके फर्जी हस्ताक्षर के जरिये अगस्त में मानदेय प्राप्त कर लिए और उसके बाद से ही दोनों अनुदेशक उनके पीछे पड़ गए। छात्राओं को बरगला कर उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन तक करवा रहे हैं। इससे कैंपस का माहौल अशांत हो गया है।
साथ ही पठन-पाठन पर भी असर पड़ रहा है। श्रीमती खरवार के डीएम से मिलने के कुछ ही देर बाद विद्यालय के अनुदेशक रितेश अग्रवाल डीएम ऑफिस में पहुंचे। डीएम से वह अपनी बात कहना चाहे लेकिन साफ कह दिया कि उन्हें पता है कि विद्यालय में बच्चियों को कौन भड़का रहा है। चेताए कि अगर नहीं सुधरे तो फिर वह सख्त कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे। साथ ही डीएम ने उन्हें अपने ऑफिस से बाहर जाने को कहा। मालूम हो कि पिछले चार दिनों से विद्यालय में अशांति की स्थिति बनी हुई है। छात्राओं को उकसा कर प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन कराए जा रहे हैं। उस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट पहले ही डीआईओएस नरेंद्र देव पांडेय डीएम को दे चुके हैं। डीआईओएस ने भी अपनी रिपोर्ट में दोनों अनुदेशकों को दोषी करार दिया है।