शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बेसिक शिक्षा विभाग ने लगाई मुहर
सभी 1 लाख 65 हजार 157 Shiksha Mitra का मानदेय 3,500 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए महीना करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
लखनऊ. सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के लिए पिछले डेढ़ दशक लंबी लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट से मिली हार के बाद शुक्रवार को 1.37 लाख समायोजित शिक्षा मित्र अपने पुराने पद पर लौट आए हैं।
रद्द किया शिक्षा मित्रों का समायोजन
25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव देव प्रताप सिंह ने बुधवार को शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक पद पर हुआ समायोजन रद्द कर दिया। सभी 1 लाख 65 हजार 157 शिक्षा मित्रों का मानदेय 3,500 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए महीना करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। शिक्षा मित्रों को साल में 11 महीने ही मानदेय दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव देव प्रताप सिंह ने 1 अगस्त 2017 से इन्हें परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा मित्र के रूप में शिक्षण कार्य में लगाने और सहायक अध्यापक पद का वेतन 31 जुलाई, 2017 तक ही देने के आदेश दिए हैं।
अब तक क्या- क्या हुआ?
- 26 मई 1999 से शिक्षा मित्रों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई।
- 1,76,000 शिक्षा मित्रों के पदों में से 1,70,000 की भर्ती की गई।
- 19 जून 2014, 8 अप्रैल 2015 और 22 दिसंबर 2015 को आदेश जारी कर कुल 1,37,000 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया।
- 12 सितंबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया।
- 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन को रद्द करने के आदेश दिए।
- 26 जुलाई से 15 सितंबर तक शिक्षा मित्रों ने राजधानी लखनऊ से लेकर प्रदेश और दिल्ली के जंतर- मंतर पर आंदोलन, विरोध- प्रदर्शन किया।
- शिक्षा मित्रों की यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बातचीत रही बेनतीजा।
- शिक्षा मित्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, केन्द्र से कानून में संशोधन करने और उन्हें समायोजित करने की मांग।
- 20 सितंबर 2017 को बेसिक शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया।