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पूर्व सीएम अखिलेश से हुई चूक को सुधारा गया, शहीद की पत्नी को पहुंचा सम्मान

आजमगढ़ में बीते 30 अगस्त को कारगिल शहीद रामसमुझ यादव के शहादत दिवस पर पूर्वांचल के शहीदों के परिजनों को मुख्य अतिथि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सम्मानित किया था।

इस दौरान परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी की जगह दूसरे को सम्मानित कर दिया गया था। इस बात की जानकारी होने पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने काफी नाराजगी व्यक्त की थी।

रविवार को आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव और पूर्व सांसद नन्दकिशोर यादव, प्रमोद यादव ने शहीद की पत्नी रसूलन बीबी से क्षमा मांगते हुए शाल और मोमेंटो देकर उन्हें समान्नित किया।

साथ ही शहीद के पौत्र जमील आलम और सलीम आलम को भी मोमेंटो देकर सम्मानित किया। जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा की परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के शहादत को भुला पाना संभव नहीं है। 

30 अगस्त को कारगिल शहीद रामसमुझ यादव के प्रतिमा अनावरण के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से किए गए शहीदों के सम्मान को लेकर घमासान मच गया था।

एक ओर शहीद अब्दुल हमीद के परिवार की ओर से कार्यक्रम में न आने पर भी रसूलन बीबी के नाम पर किसी को सम्मानित करने पर आपत्ति जताई गई है, वहीं संचालक की गलती को तूल दे बदनाम करने पर शहीद भगवती सिंह के परिवार ने इसे शहीदों का अपमान बताया गया।

आयोजक शहीद रामसमुझ के भाई प्रमोद यादव के अनुसार कार्यक्रम कुल 37 शहीदों को परिवारों को सम्मान के लिए आमंत्रित किया गया था। इसमें गाजीपुर के शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का भी नाम था।  

समारोह के दौरान 37 में से सिर्फ 25 शहीदों के परिवार के लोग भी पहुंचे। मंच का संचालन कर रहे बलिया बिजय बहादुर सिंह ने थोड़ी सी चूक के कारण मौजूद शहीद परिवारों में रसूलन बीबी का नाम भी ले लिया, जबकि वो कार्यक्रम में नहीं आई थीं।

इसके बाद ये अफवाह फैल गई कि रसूलन बीबी का सम्मान को कोई फर्जी महिला ले उड़ी। जिस महिला को सम्मान मिला उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज कराई।
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