सरकार से वार्ता विफल, शिक्षामित्रों ने शुरू किया प्रदेशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन
राज्य सरकार से वार्ता विफल होने के बाद शिक्षामित्रों ने गुरुवार को प्रदेशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षामित्रों ने पूर्वांचल समेत प्रदेश के कई जिलों में सुबह करीब 10 बजे जुलूस निकाला और बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंचे।
यहां उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। बलिया में सैंकडों की संख्या शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पहुंचे और वहीं दरी बिछाकर बैठ गए हैं। उन्हें जनपद के कई अन्य संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
इससे पहले शिक्षामित्रों ने दस हजार रुपये महीने मानदेय और मूल विद्यालय में पोस्टिंग के सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। सरकार से वार्ता विफल होने के बाद शिक्षामित्रों ने प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षण कार्य का बहिष्कार कर स्कूलों में तालाबंदी और आंदोलन करने की घोषणा की है।
उधर, सरकार ने शिक्षामित्रों के आंदोलन से निपटने की तैयारी की है। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह ने बुधवार को शिक्षामित्रों के प्रमुख संगठनों के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया।
सरकार ने मानदेय बढ़ाने से किया इंकार
शिक्षामित्रों के सामने 10,000 रुपये महीने मानदेय और मूल विद्यालय या मौजूदा विद्यालय में ही पदस्थापित रखने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने सहायक अध्यापकों की भर्ती में शिक्षामित्रों को वरीयता के प्रस्ताव पर विचार विमर्श का आश्वासन भी दिया।
दस हजार रुपये महीने मानदेय के प्रस्ताव से शिक्षा मित्र भड़क गए। उन्होंने सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए मानदेय बढ़ाने की मांग की। अपर मुख्य सचिव ने दो टूक शब्दों में मानदेय बढ़ाने से इनकार कर दिया।
शिक्षामित्र नेताओं ने कहा कि इतने वर्ष के अनुभव के बाद भी वे 10,000 रुपये महीने में पढ़ाने को तैयार नहीं है। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनने पर 39000 रुपये महीने वेतन व भत्ते मिल रहे हैं। 10 हजार रुपये महीने में परिवार का पालन पोषण संभव नहीं है। दोनों पक्षों के अड़ने के बाद करीब पांच मिनट में ही वार्ता विफल हो गई।