जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तीन का नामांकन
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उपचुनाव के लिए बुधवार को तीन जिला पंचायत सदस्यों ने अपने अपने नामांकन कराए। कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने अपने कोर्ट कक्ष में तीनों उम्मीदवारों के नामांकन पत्र स्वयं लिए इस दौरान कलक्ट्रेट के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सबसे पहले सादात वार्ड से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य धर्मदेव यादव नामांकन कराने के लिए पहुंचे। उनके साथ भाजपा के करंडा क्षेत्र से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य हरेन्द्र यादव समेत अन्य लोग मौजूद थे। नामांकन कराने के बाद लौटकर सपा के बागी उम्मीदवार धर्मदेव यादव ने कहा कि उनको सभी दलों का समर्थन मिल रहा है। इसलिए वह भारी बहुमत से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जीतेंगे। इसके बाद ठीक एक बजे समता भवन से सपाइयों का जुलूस उठा और कलक्ट्रेट पहुंचा। मरदह से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य सपा प्रत्याशी आशा यादव पत्नी पूर्व ब्लाक प्रमुख मरदह विजय यादव कलक्ट्रेट पहुंची। इसके बाद उन्होंने अपना नामांकन कराया।
नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत में आशा यादव ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वह दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी को साथ लेकर जिले का सर्वागीण विकास करने का भरपूर प्रयास करेंगी। सभी दलों का आर्शीवाद उनके साथ है। नामांकन के दौरान राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, विधायक जंगीपुर वीरेन्द्र यादव, पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा, राधेमोहन सिंह, जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव, बच्चा यादव, काशीनाथ यादव, रामाधरी यादव, मुन्नन यादव, राजेश कुशवाहा, अरुण श्रीवास्तव, सुदर्शन यादव, गुलास गौस, धर्मेन्द्र यादव, चंदन यादव आदि मौजूद रहे। इसके बाद मनिहारी से जिला पंचायत सदस्य सीमा यादव पत्नी रमेश यादव ने अपना नामांकन कराया है। उनके साथ भी कुछ जिला पंचायत सदस्य मौजूद थे। तीन बजे के बाद नामांकन का कार्य समाप्त हो गया।
नामांकन के दौरान रही काफी भीड़
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए सुबह से ही कलक्ट्रेट के आसपास काफी भीड़ थी। कचहरी के पास तथा सपा कार्यालय के पास सभी दलों के नेता काफी पहले से मौजूद थे। राजनीतिक दलों के नेता यह देख रहे थे कि कौन नेता किसके साथ नामांकन कराने जा रहे हैं। जिसके चलते बसपा, सपा, भाजपा व कांग्रेस के नेता वहां मौजूद रहकर जायजा लेते दिखाई दिए। कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर काफी संख्या में फोर्स तैनात था। दो मेटल डिटेक्टर के अंदर से ही आने जाने दिया जा रहा था। महिला पुलिस की अलग से व्यवस्था की गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ केवल प्रस्तावकों को ही अंदर जाने दिया जा रहा था। कुछ दलों के नेताओं ने अंदर जाने का प्रयास किया, तो उनको पहले ही रोक दिया जा रहा था।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सबसे पहले सादात वार्ड से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य धर्मदेव यादव नामांकन कराने के लिए पहुंचे। उनके साथ भाजपा के करंडा क्षेत्र से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य हरेन्द्र यादव समेत अन्य लोग मौजूद थे। नामांकन कराने के बाद लौटकर सपा के बागी उम्मीदवार धर्मदेव यादव ने कहा कि उनको सभी दलों का समर्थन मिल रहा है। इसलिए वह भारी बहुमत से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जीतेंगे। इसके बाद ठीक एक बजे समता भवन से सपाइयों का जुलूस उठा और कलक्ट्रेट पहुंचा। मरदह से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य सपा प्रत्याशी आशा यादव पत्नी पूर्व ब्लाक प्रमुख मरदह विजय यादव कलक्ट्रेट पहुंची। इसके बाद उन्होंने अपना नामांकन कराया।
नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत में आशा यादव ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वह दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी को साथ लेकर जिले का सर्वागीण विकास करने का भरपूर प्रयास करेंगी। सभी दलों का आर्शीवाद उनके साथ है। नामांकन के दौरान राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, विधायक जंगीपुर वीरेन्द्र यादव, पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा, राधेमोहन सिंह, जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव, बच्चा यादव, काशीनाथ यादव, रामाधरी यादव, मुन्नन यादव, राजेश कुशवाहा, अरुण श्रीवास्तव, सुदर्शन यादव, गुलास गौस, धर्मेन्द्र यादव, चंदन यादव आदि मौजूद रहे। इसके बाद मनिहारी से जिला पंचायत सदस्य सीमा यादव पत्नी रमेश यादव ने अपना नामांकन कराया है। उनके साथ भी कुछ जिला पंचायत सदस्य मौजूद थे। तीन बजे के बाद नामांकन का कार्य समाप्त हो गया।
नामांकन के दौरान रही काफी भीड़
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए सुबह से ही कलक्ट्रेट के आसपास काफी भीड़ थी। कचहरी के पास तथा सपा कार्यालय के पास सभी दलों के नेता काफी पहले से मौजूद थे। राजनीतिक दलों के नेता यह देख रहे थे कि कौन नेता किसके साथ नामांकन कराने जा रहे हैं। जिसके चलते बसपा, सपा, भाजपा व कांग्रेस के नेता वहां मौजूद रहकर जायजा लेते दिखाई दिए। कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर काफी संख्या में फोर्स तैनात था। दो मेटल डिटेक्टर के अंदर से ही आने जाने दिया जा रहा था। महिला पुलिस की अलग से व्यवस्था की गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ केवल प्रस्तावकों को ही अंदर जाने दिया जा रहा था। कुछ दलों के नेताओं ने अंदर जाने का प्रयास किया, तो उनको पहले ही रोक दिया जा रहा था।