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इंडि‍यन आर्मी में तैनात हैं इस गांव के 10 हजार जवान, ये हैं फैसिलि‍टी

यूपी के गाजीपुर में एशिया का सबसे बड़ा गांव है। यहां की पॉपुलेशन करीब 1 लाख 20 हजार है।
गाजीपुर.यूपी के गाजीपुर में एशिया का सबसे बड़ा गांव 'गहमर' है। यहां की पॉपुलेशन करीब 1 लाख 20 हजार है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर GhazipurNews.in ऐसे गांव के बारे में बता रहा है, जहां हर घर से करीब 10 हजार जवान इंडियन आर्मी में तैनात हैं या रहे हैं। भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष मार्कंडेय सिंह ने बताया, 15 किलोमीटर के एरिया में फैले इस गांव में करीब 10 हजार घर हैं।

गांव में ये है फैसिलिटी, ये हैं दिक्कतें
- गहमर इंटर कॉलेज के प्रबंधक हरेराम सिंह ने बताया, ''शहर जाने और आने के लिए ताड़ीघाट बारा मार्ग पर 3 से 4 फीट के गड्ढे हैं और बारिश में पानी जमा रहता है। इसकी दूरी करीब 20 किलोमीटर है।''
- ''गांव वालों को शहर आने जाने के लिए दूसरे स्टेट बिहार से बक्सर-चौसा होते हुए 75 किलोमीटर की दूरी तय करके उजियार भरौली मोहम्दाबाद से गाजीपुर शहर आना-जाना पड़ता है। बिजली यहां 12 से 14 घंटे रहती है।''
- ''गांव में 6 प्राइमरी स्कूल, एक जूनियर हाई स्कूल, एक इंटर कॉलेज, एक गल्र्स इंटर कॉलेज, दो डिग्री कॉलेज, 2 पोस्ट ऑफिस, 3 बैंक, 5 गंगा घाट, 2 जल निगम की पानी की टंकी, एक सिनेमाहाल, एक रेलवे स्टेशन, एक मिनी स्टेडियम, एक पार्क है।''
इंडि‍यन आर्मी में हैं 10 हजार जवान
1. इस गांव के करीब 10 हजार लोग इंडि‍यन आर्मी में जवान से लेकर कर्नल तक हैं, जबकि 14 हजार से ज्यादा भूतपूर्व सैनिक हैं।
2. रिकॉर्ड के मुताबिक, 2009 के लोकसभा चुनाव में गांव में 24 हजार 734 वोटर्स रहे।
3. गांव गाजीपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गहमर में एक रेलवे स्टेशन भी है, जो पटना और मुगलसराय से जुड़ा हुआ है।
4. इतिहासकारों के मुताबिक, सन् 1530 में कुसुम देव राव ने 'सकरा डीह' नामक स्थान पर इसे बसाया था।
5 गांव 22 टोले में बंटा हुआ है और हर पट्टी किसी न किसी प्रसिद्ध व्यक्ति सैनिक के नाम पर है। 
6. प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध हो या 1965 और 1971 के युद्ध या फिर कारगिल की लड़ाई, सब में यहां के फौजियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
7. विश्वयुद्ध के समय अंग्रेजों की फौज में गहमर के 228 सैनिक शामिल थे, जिनमें 21 मारे गए थे। इनकी याद में गहमर में एक शिलालेख लगा हुआ है।
8. गहमर के भूतपूर्व सैनिकों ने पूर्व सैनिक सेवा समिति नामक संस्था बनाई है। गांव के युवक गांव से कुछ दूरी पर गंगा तट पर स्थित मठिया चौक पर सुबह-शाम सेना की तैयारी करते नजर आ जाते हैं। 
9. इंडियन आर्मी गहमर में ही भर्ती शिविर लगाया करती थी, लेकिन 1986 में इसको किसी कारण से बंद कर दिया गया।
10. सैनिकों की भारी संख्या को देखते हुए भारतीय सेना ने गांव के लोगों के लिए सैनिक कैंटीन की भी सुविधा उपलब्ध कराई थी। 

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