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शिक्षामित्रों ने मांगों को लेकर किया धरना-प्रदर्शन


प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षा मित्र संघ व आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त सिक्षा मित्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षामित्रों ने गुरुवार को धरना दिया। विकास भवन परिसर स्थित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर तीन दिवसीय धरने में शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर हुंकार भरते हुए नारेबाजी की। धरने में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि बीती 25 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय के बाद प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र सड़क पर आ गए हैं। 

जिसके संदर्भ में बीती 30 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा 15 दिनों के अंदर सिक्षामित्रों के संदर्भ में निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन सरकार द्वारा हठधर्मिता का परिचय देते हुए मात्र दस हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने का निर्णय लिया गया। जिसको शिक्षामित्र संगठन किसी भी सूरत में मानने के लिए तैयार नहीं है। शिक्षामित्रों ने कहा कि हमारी तीन मांगों में सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाए। अध्यादेश आने तक समान कार्य, समान वेतन के आधार पर पूर्ण वेतन दिया जाए। प्रदेश सरकार सुप्रीमकोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल करे। 

आंदोलन के दौरान घायल व मृत शिक्षा मित्रों के परिवारों को 25 लाख का आर्थिक मुआवजा दिया जाए। धरने में पहुंचे जंगीपुर के सपा विधायक डा. वीरेन्द्र यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों की सभी मांगे जायज है। समाजवादी सड़क से लेकर विधानसभा व संसद तक उनकी लड़ाई को लड़ेगी और उनको सहायक अध्यापक बनवाकर रहेगी। उन्होंने शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को लेकर शासन स्तर के अधिकारियों से भी वह मिलने को तैयार है। धरना प्रदर्शन करने के बाद शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर को दिया। धरने में रामप्रताप यादव, अशोक राय, मंजय यादव, छोटेलाल, सुरेन्द्र सिंह यादव, अनन्त सिंह, राजेश यादव, राजेश भारती, माया साहू, नाजिया परवीन, प्रियंका सिंह, विद्या, राबिया, रानी, मंजू सिंह, प्रमिला यादव, वीरेन्द्र यादव, रामानंद यादव, इसरार अहमद, मारकंडेय राय, रामानंद यादव, वंदना आदि मौजूद थे।
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