दागी शिक्षक नहीं बन सकेंगे एबीआरसी
जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रतिष्ठापरक एबीआरसी पदों पर आवेदन करने वाले उन शिक्षकों का आवेदन पत्र निरस्त किया जाएगा जो विभिन्न आरोपों में निलंबित किए गए हैं। साथ ही वह विभाग में दागी हैं। यही नहीं जिन्होंने एबीआरसी के पद पर रहते हुए विद्यालयों और एनपीआरसी का खाता संचालन किया है। इसको लेकर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
जिले के 16 विकास खंडों के साथ ही नगर क्षेत्र के 85 एबीआरसी पदों पर शिक्षकों का चयन किया जाएगा। एक ब्लाक में पांच एबीआरसी गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, हिन्दी और विज्ञान पद पर परीक्षा देंगे। इसके लिए मई माह में आवेदन पत्र मांगे गए थे। इसके सापेक्ष 31 मई तक 200 आवेदन पत्र शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय को प्रस्तुत किया था। बेसिक शिक्षा परिषद का निर्देश है कि एबीआरसी पद पर चयन के बाद किसी भी प्रकार का खाता संचालन नहीं किया जाएगा। लेकिन एबीआरसी बनने के बाद शिक्षकों ने परिषदीय विद्यालयों में प्रभारी हेडमास्टर के रूप में खाते का संचालन करके भारी गड़बड़ी की थी। इसकी जानकारी पर पूर्व बीएसए अशोक कुमार सिंह यादव ने एबीआरसी को चेतावनी पत्र भी जारी किया था। बावजूद इसके इनका खाता संचालन का क्रम जारी है। इस मामले में नगर क्षेत्र के एक हेडमास्टर के खिलाफ जांच चल रही है। लिहाजा इस मामले की जांच करके फार्म को निरस्त किया जाए। बीएसए ने इस मामले की जांच जिला समन्यवक प्रशिक्षण एएन द्धिवेदी को सौंप दी है। अब इनका फार्म निरस्त किया जाएगा।
इधर जुलाई में परीक्षा स्थगित होने के बाद अब एबीआरसी पद की परीक्षा कराने के मूड में डायट जुट गया है। डायट सैदपुर के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व बीएसए राकेश सिंह ने डीसी प्रशिक्षण से इस संबंध पत्रावली प्रस्तुत करने को कहा है। यहां पर जब बीएसए पद पर तैनात रहे तो वह कई मामलों में चर्चा में आ गए थे। उनके कई फैसले से लोग चौंक गए थे। उन्होंने बताया कि एबीआरसी पद की परीक्षा इस माह हरहाल में कराई जाएगी लेकिन किसी भी मामले में आरोपित शिक्षकों का आवेदन पत्र निरस्त किया जाएगा। जिला समन्वयक प्रशिक्षण एएन द्धिवेदी ने बताया कि परीक्षा कराने को लेकर समिति की बैठक जल्द आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि पूर्व में आरोपित किए गए शिक्षकों का आवेदन पत्र जांच के बाद निरस्त किया जाएगा। इस पर भी समिति ही निर्णय लेगी।