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42 लाख का गबन करने वाला सचिव निलम्बित

मरदह ब्लाक के गौरी ग्राम पंचायत में शौचालय व राज्यवित्त की धनराशि डकारने वाले ग्राम विकास अधिकारी रमेशचन्द्र द्वितीय को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। उनके खिलाफ 42 लाख रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। इसके पहले प्रधान और सचिव के ऊपर सदर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है। 

जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री के यहां एक माह पहले ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों की जांच कराने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप था कि ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलकर शौचालय निर्माण और राज्यवित्त की आयी 42 लाख रुपये की धनराशि में गबन कर लिया गया।

मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने पूरे मामले की जांच डीपीआरओ लालजी दूबे को सौंपी। डीएम के आदेश पर जब डीपीआरओ जांच करने पहुंचे, तो स्वच्छ भारत मिशन से भेजे गये शौचालय गांव में नहीं मिले। इस तरह शौचालय निर्माण में 23 लाख 89 हजार रुपये की धनराशि गबन कर ली गयी और शौचालय निर्माण नहीं कराया गया। इसके साथ ही राज्यवित्त आयोग से भेजी गयी 18 लाख 65 हजार रुपया भी फर्जी ढंग से उतार लिया गया। जांच के बाद डीपीआरओ ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी।

डीएम के निर्देश पर बीते दिनों सदर कोतवाली ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी पर मुकदमा दर्ज किया गया। सोमवार को यह मामला जब बीडीओ के पास पहुंचा, तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से सचिव उमेशचन्द्र द्वितीय को निलम्बित कर दिया। बीडीओ आरके पाण्डेय ने बताया कि यह कार्रवाई जिलाधिकारी के निर्देश पर की गयी है।


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