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प्राइमरी स्कूलों में जल्द होंगी भर्तियां, बेसिक शिक्षा परिषद ने मांगा ब्योरा

प्राइमरी स्कूलों में जल्द ही शिक्षक भर्तियां शुरू कर दी जाएंगी।
लखनऊ. प्राइमरी स्कूलों में जल्द ही शिक्षक भर्तियां शुरू कर दी जाएंगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ने दिसंबर में शिक्षक भर्ती का वादा किया था। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों से शिक्षकों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। अफसरों के सामने सबसे बड़ी समस्या एकल शिक्षक वाले विद्यालय हैं, वहां पर परिषद चाहकर भी तबादला व समायोजन नहीं कर पा रहा है।

शिक्षामित्रों का समायोजन हुआ रद्द
परिषद के प्राथमिक स्कूलों में तैनात उन शिक्षामित्रों का समायोजन शीर्ष कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को रद कर दिया है, जो सहायक अध्यापक पद पर तैनात हुए थे। इसके बाद से स्कूलों में शिक्षकों का संयोजन गड़बड़ा गया है, क्योंकि जिन शिक्षकों को फिर शिक्षामित्र बनाया गया है उनकी तादाद काफी अधिक है। हालांकि इसी सत्र की शुरुआत में शासन ने परिषद में साठ हजार से अधिक अतिरिक्त शिक्षक होने का दावा किया था। शासन दिसंबर में शिक्षक भर्ती कराने का पहले ही एलान कर चुका है।

बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उनके यहां पर तैनात शिक्षकों का विस्तृत ब्योरा भेजा जाए। इसके लिए प्रारूप भी भेजा गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत प्रधानाध्यापक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक व सहायक अध्यापक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक की संख्या अलग-अलग मांगी गई है। बीएसए को इसी तरह से नगर क्षेत्र की भी जानकारी देनी है।

परिषद के अफसरों के सामने सबसे बड़ी समस्या एकल शिक्षक वाले स्कूल हैं। वहां पर शिक्षकों का समायोजन व तबादला करने की प्रक्रिया जरूर शुरू हुई लेकिन, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद रुक गई है। इससे स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित है। अफसर इन स्कूलों में दूसरे शिक्षक भेजने का रास्ता भी तलाश रहे हैं। इसमें शिक्षकों की कमी अब अखर रही है। यह सूचना छह अक्टूबर तक परिषद के ई-मेल पर अनिवार्य रूप से भेजी जानी है।राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शासन ने दिसंबर में भर्तियां कराने का वादा किया था, उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए जिलों से शिक्षकों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। अफसरों के सामने सबसे बड़ी समस्या एकल शिक्षक वाले विद्यालय हैं, वहां पर परिषद चाहकर भी तबादला व समायोजन नहीं कर पा रहा है।

परिषद के प्राथमिक स्कूलों में तैनात उन शिक्षामित्रों का समायोजन शीर्ष कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को रद कर दिया है, जो सहायक अध्यापक पद पर तैनात हुए थे। इसके बाद से स्कूलों में शिक्षकों का संयोजन गड़बड़ा गया है, क्योंकि जिन शिक्षकों को फिर शिक्षामित्र बनाया गया है उनकी तादाद काफी अधिक है। हालांकि इसी सत्र की शुरुआत में शासन ने परिषद में साठ हजार से अधिक अतिरिक्त शिक्षक होने का दावा किया था। शासन दिसंबर में शिक्षक भर्ती कराने का पहले ही एलान कर चुका है। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उनके यहां पर तैनात शिक्षकों का विस्तृत ब्योरा भेजा जाए। इसके लिए प्रारूप भी भेजा गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत प्रधानाध्यापक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक व सहायक अध्यापक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक की संख्या अलग-अलग मांगी गई है। बीएसए को इसी तरह से नगर क्षेत्र की भी जानकारी देनी है।

परिषद के अफसरों के सामने सबसे बड़ी समस्या एकल शिक्षक वाले स्कूल हैं। वहां पर शिक्षकों का समायोजन व तबादला करने की प्रक्रिया जरूर शुरू हुई लेकिन, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद रुक गई है। इससे स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित है। अफसर इन स्कूलों में दूसरे शिक्षक भेजने का रास्ता भी तलाश रहे हैं। इसमें शिक्षकों की कमी अब अखर रही है। यह सूचना छह अक्टूबर तक परिषद के ई-मेल पर अनिवार्य रूप से भेजी जानी है।

परिषद सचिव ने बीएसए से उन शिक्षामित्रों की रिपोर्ट अलग से मांगी है, जिनका पहले सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ था। यह जानकारी भी नगर व ग्रामीण की अलग-अलग भेजी जानी है। माना जा रहा है कि इसके बाद कम शिक्षक वाले स्कूलों को अध्यापक मुहैया कराने का प्रबंध होगा।
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